Telecom Rules:-साइबर सुरक्षा पर सख्त कदम , ट्रैफिक डेटा साझा करना अनिवार्य, IMEI पंजीकरण होगा जरूरी

Telecom Rules:-भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए टेलीकॉम और मोबाइल डिवाइस उद्योग से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जाने क्या क्या बदलाव आ सकते है ? Telecom Rules

Telecom Rules:-भारत सरकार ने देश की टेलीकॉम सेवाओं को और सुरक्षित बनाने और उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य न केवल साइबर खतरों को रोकना है, बल्कि फर्जी उपकरणों और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाना भी है। आइए इन नियमों को सरल और विस्तृत रूप से समझें।

1. ट्रैफिक डेटा पर सरकार

अब टेलीकॉम कंपनियों को उपयोगकर्ताओं का ट्रैफिक डेटा (जैसे कॉल, इंटरनेट इस्तेमाल आदि) केंद्र सरकार के साथ साझा करना होगा। हालांकि, इसमें आपके मैसेज की सामग्री (जैसे WhatsApp या SMS का टेक्स्ट) शामिल नहीं होगी। सरकार इस डेटा का विश्लेषण करेगी और इसे सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा कर सकेगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

क्या है ट्रैफिक डेटा?

  • यह डेटा बताता है कि आप कब, कहां और किससे संपर्क कर रहे हैं।
  • इसमें कॉल की अवधि, इंटरनेट का इस्तेमाल और अन्य नेटवर्क गतिविधियां शामिल होती हैं।

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डेटा सुरक्षा की गारंटी:

सरकार ने कहा है कि यह डेटा केवल साइबर सुरक्षा और देश की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी उपयोगकर्ता के डेटा का दुरुपयोग न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।


2. साइबर हमले पर तुरंत रिपोर्टिंग का नियम

अगर किसी टेलीकॉम नेटवर्क पर साइबर अटैक होता है, तो कंपनी को छह घंटे के भीतर सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी। इसके लिए सरकार एक डिजिटल पोर्टल बनाएगी, जहां इस तरह की घटनाओं की रिपोर्ट तुरंत दर्ज की जा सकेगी।

  • इसका फायदा: साइबर हमलों पर जल्दी प्रतिक्रिया दी जा सकेगी, जिससे बड़े नुकसान को रोका जा सके।

3. IMEI नंबर का अनिवार्य पंजीकरण

अब हर मोबाइल फोन, चाहे वह भारत में बना हो या विदेश से आयात किया गया हो, उसका IMEI नंबर सरकार के डेटाबेस में रजिस्टर होना अनिवार्य होगा।

  • IMEI नंबर क्या है?
    यह मोबाइल का एक यूनिक पहचान नंबर है, जो हर फोन में होता है।
  • इससे फायदा क्या होगा?
    • चोरी हुए या फर्जी मोबाइल ट्रैक करना आसान होगा।
    • अवैध डिवाइस का इस्तेमाल रोकने में मदद मिलेगी।

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4. चीफ टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑफिसर

हर टेलीकॉम कंपनी को एक चीफ टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑफिसर (CTSO) नियुक्त करना होगा।

  • यह अधिकारी कंपनी के नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
  • सरकार को इसकी पूरी जानकारी लिखित रूप में देनी होगी।

5. साइबर अपराधियों पर रोक

सरकार एक विशेष डेटाबेस बनाएगी, जिसमें उन व्यक्तियों या पहचानकर्ताओं की जानकारी होगी, जिन पर किसी कारणवश कार्रवाई की गई हो। ऐसे लोगों को तीन साल तक टेलीकॉम सेवाओं का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।

सरकार

सरकार का कहना है कि ये कदम देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाए गए हैं। इससे:

  1. उपयोगकर्ताओं का डेटा सुरक्षित रहेगा।
  2. फर्जी और अवैध उपकरणों का इस्तेमाल रोका जा सकेगा।
  3. साइबर हमलों पर तुरंत प्रतिक्रिया देकर नुकसान कम किया जा सकेगा।

ये नए नियम टेलीकॉम सेक्टर को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी और डेटा का दुरुपयोग न हो। IMEI रजिस्ट्रेशन और साइबर सुरक्षा पर फोकस से उपयोगकर्ताओं और देश दोनों को लाभ होगा।

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