Udaipur:-लापरवाह सिस्टम की भेंट चढ़े डॉ. रवि शर्मा, रेजिडेंट डॉक्टरों ने किया protested

“राजस्थान के उदयपुर संभाग से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। आरएनटी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में एक डॉक्टर की मौत ने न सिर्फ मेडिकल समुदाय को झकझोर दिया है, जाने पूरी खबर ? udaipur news

Udaipur News :-उदयपुर संभाग के सबसे बड़े आरएनटी मेडिकल कॉलेज में बुधवार देर रात एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना हुई। हॉस्टल के एक वाटर कूलर से करंट लगने के कारण एक डॉक्टर की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे से मेडिकल कॉलेज के छात्र, रेजिडेंट डॉक्टर और पूरा मेडिकल स्टाफ सदमे में हैं। साथ ही, इस घटना के बाद हॉस्टल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े हो गए हैं।

क्या हुआ उस रात?

35 वर्षीय डॉ. रवि शर्मा, जो नागौर जिले के मकराना के रहने वाले थे और खेरवाड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में पदस्थापित थे, अपने चचेरे भाई डॉ. प्रशांत से मिलने के लिए आरएनटी मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में आए थे। प्रशांत खुद भी रेजिडेंट डॉक्टर हैं और हॉस्टल के चौथे फ्लोर पर रहते हैं।

बुधवार रात करीब डेढ़ बजे, जब डॉ. रवि हॉस्टल के कॉरिडोर में लगे वाटर कूलर से पानी भरने गए, तो उन्हें अचानक जोरदार करंट लगा और वे मौके पर ही बेहोश हो गए। उनकी चीख सुनकर आस-पास मौजूद अन्य रेजिडेंट डॉक्टर तुरंत भागकर आए और उन्हें इमरजेंसी में ले जाया गया। वहां सीपीआर (CPR) देकर जान बचाने की कोशिश की गई, लेकिन अफसोस कि डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पहले से थी करंट की शिकायत, लेकिन…

सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इसी वाटर कूलर में पहले से ही करंट आने की शिकायत कई बार हॉस्टल प्रबंधन को दी जा चुकी थी। लेकिन किसी ने इस गंभीर मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा – एक जान चली गई।

रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि ये सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सीधे-सीधे लापरवाही से हुई मौत है। अगर पहले ही इस शिकायत पर ध्यान दिया जाता, तो शायद आज डॉ. रवि हमारे बीच होते।

रेजिडेंट्स का गुस्सा फूटा – हड़ताल पर गए डॉक्टर

इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के सभी रेजिडेंट और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया और कम्पलीट हड़ताल पर चले गए। हड़ताल में OPD, ICU, ट्रॉमा और इमरजेंसी जैसी सभी महत्वपूर्ण सेवाएं भी शामिल हैं। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दीपेन्द्र ने बताया कि जब तक इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

डॉ. रवि की कहानी – एक सेवाभावी डॉक्टर

डॉ. रवि शर्मा एक ईमानदार और सेवाभावी डॉक्टर थे। उन्होंने चिकित्सा सेवा को अपना कर्तव्य मानते हुए गरीब इलाकों में भी सेवा दी थी। कुछ ही दिनों में वे उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंट के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी संभालने वाले थे। लेकिन किसे पता था कि यह मुलाक़ात उनके जीवन की आखिरी यात्रा बन जाएगी।

हादसे के वक्त उनके भाई डॉ. प्रशांत हॉस्पिटल में नाइट ड्यूटी कर रहे थे। डॉ. रवि हॉस्टल में अकेले थे, और तभी यह दर्दनाक घटना घटी।

प्रशासन पर सवाल – जवाबदेही कौन लेगा?

अब बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा? हॉस्टल में लगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की नियमित जांच क्यों नहीं की जाती? पहले से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

डॉक्टरों की हड़ताल अब केवल एक मौत का विरोध नहीं है, यह सिस्टम की उस कमजोरी और अनदेखी के खिलाफ आवाज़ है, जो बार-बार मासूम जिंदगियों की कीमत पर चलती है।

एक डॉक्टर, जो दिन-रात मरीजों की जान बचाने में लगा रहता है, उसकी जान क्या इतनी सस्ती है? जब डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं हैं, तो मरीजों की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?

यह हादसा हमें सोचने पर मजबूर करता है – क्या हमारी व्यवस्था इतनी लचर हो चुकी है कि एक वाटर कूलर भी जानलेवा बन जाए?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *