वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर देश में जबरदस्त राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी की प्रतीक्षा में है, जाने पूरी खबर ? 

Waqf Amendment Bill News:-वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देश की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। यह बिल अब तक लोकसभा और राज्यसभा – दोनों सदनों से पास हो चुका है, लेकिन इसे अभी कानून का रूप नहीं मिला है। अब राष्ट्रपति की मंजूरी बाकी है। पर उससे पहले ही इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस बिल को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक 2024?
सरकार ने वक्फ अधिनियम 1995 में कुछ संशोधन करने के लिए यह नया बिल पेश किया है। सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड और प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी। लेकिन विपक्षी पार्टियां इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बता रही हैं।
मोहम्मद जावेद ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, जो लोकसभा में पार्टी के सचेतक हैं और वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्य भी थे, उन्होंने कोर्ट में दायर याचिका में कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि यह विधेयक भारत के संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों का उल्लंघन करता है:
-
अनुच्छेद 14 – समानता का अधिकार
-
अनुच्छेद 25 – धर्म की आज़ादी
-
अनुच्छेद 26 – धार्मिक संस्थाओं का संचालन
-
अनुच्छेद 29 – अल्पसंख्यक समुदायों की संस्कृति की सुरक्षा
-
अनुच्छेद 300A – संपत्ति का अधिकार
जावेद ने कहा,
“प्रधानमंत्री भूल जाते हैं कि वो सिर्फ 5 साल के लिए चुने गए हैं, लेकिन वो खुद को बादशाह समझने लगे हैं। ये सीधा-सीधा संविधान का उल्लंघन है। हम सुप्रीम कोर्ट में इसलिए गए हैं ताकि संविधान के जरिए मिले अधिकारों की रक्षा की जा सके।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि,
“जब तीन तलाक का मुद्दा आया तो मुस्लिम महिलाओं की चिंता हुई, लेकिन आज हिंदू समाज में ज्यादा तलाक के केस सामने आ रहे हैं, उस पर सरकार की कोई चिंता नहीं दिखती। ये सब ध्यान भटकाने की राजनीति है।”
ओवैसी और अन्य विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बिल को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने इसे मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है।
इसके अलावा, DMK पार्टी ने भी संकेत दिया है कि वो भी इस बिल के खिलाफ कानूनी लड़ाई में शामिल होगी।
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने साफ कहा था,
“हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। ये बिल संविधान के खिलाफ है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चोट करता है।”
अभी कानून बना नहीं है – राष्ट्रपति की मंजूरी बाकी
गौरतलब है कि यह बिल अभी कानून नहीं बना है। इसे दोनों सदनों से पास तो कर लिया गया है, लेकिन अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बाकी है। राष्ट्रपति के साइन के बाद ही इसे कानून का रूप मिलेगा।
इससे पहले 2 और 3 अप्रैल को संसद में इस बिल पर लगभग 24 घंटे की लंबी चर्चा हुई थी। इसके बाद ही इसे पास किया गया था।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 अब केवल एक कानून बनने से कुछ कदम दूर है, लेकिन उससे पहले ही यह राजनीतिक और कानूनी विवादों के घेरे में आ गया है। कांग्रेस और AIMIM जैसे विपक्षी दल इसे अल्पसंख्यकों पर हमला बता रहे हैं, जबकि सरकार इसे पारदर्शिता और सुधार की दिशा में कदम बता रही है। अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति की मंजूरी पर टिकी हैं।